राहुल गांधी और शशि थरूर: भारत की अर्थव्यवस्था पर बयान, कांग्रेस में मतभेद, मोदी की चुप्पी
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ट्रंप, राहुल गांधी और शशि थरूर: भारत की अर्थव्यवस्था पर बयान, कांग्रेस में मतभेद, मोदी की चुप्पी
ट्रंप पर राहुल के खिलाफ उतरे कांग्रेस सांसद, मोदी भी हैरान! | शशि थरूर और पार्टी में मतभेद
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत को "dead economy" (मृत अर्थव्यवस्था) बताने पर देश की राजनीति में बड़ा भूचाल आ गया है। राहुल गांधी ने ट्रंप की टिप्पणी का समर्थन किया, वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने खुलकर विरोध दर्ज कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी भी विपक्ष के निशाने पर है।
राहुल गांधी ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने संसद परिसर में मीडिया से कहा,
“हाँ, ट्रंप सही कह रहे हैं। यह केवल प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को छोड़कर सभी को पता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मृत है। मैं खुश हूँ कि ट्रंप ने सच बयान किया। पूरी दुनिया जानती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मृत पड़ी है। बीजेपी ने देश की अर्थव्यवस्था को अडानी की मदद के लिए खत्म किया है।”
— राहुल गांधी [1][2][3]
राहुल गांधी ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने नोटबंदी, दोषपूर्ण GST, 'Assemble in India' की विफलता, MSMEs की बर्बादी और किसानों की हालत को लेकर अर्थव्यवस्था को इस मुकाम पर पहुंचा दिया है।[4][1]
शशि थरूर का विरोध
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने राहुल गांधी की इस टिप्पणी से अलग राय रखते हुए ट्रंप के बयान को बेबुनियाद बताया:
“यह बिल्कुल गलत है, और सभी को पता है कि भारत की अर्थव्यवस्था मृत नहीं है।”
— शशि थरूर [5][4][6][7][8]
थरूर ने भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती, निर्यात में विविधता और अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के प्रभाव के बावजूद देश की संभावनाओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक आलोचना में देश को कमजोर दिखाने जैसा कोई बयान नहीं देना चाहिए।[6][7][9]
कांग्रेस में मतभेद और आलोचना
राहुल गांधी के ट्रंप के बयान का समर्थन करने से कांग्रेस के भीतर खुला मतभेद उभर आया। राजीव शुक्ला जैसे दूसरे वरिष्ठ नेताओं ने भी ट्रंप के dead economy वाले बयान को “गलत” करार दिया और कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था कमजोर नहीं है।[1][10][9]
कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान और सार्वजनिक मतभेदों ने पार्टी की नीति और उसकी धारणा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बीजेपी और मोदी सरकार की प्रतिक्रिया
बीजेपी ने राहुल गांधी पर “विदेशी भोंपू” बनकर देश को बदनाम करने का आरोप लगाया। अमित मालवीय और के. अन्नामलाई सहित भाजपा नेताओं ने राहुल की बात को “शर्मनाक” और भारत की तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था का अपमान कहा।[10][9]
प्रधानमंत्री मोदी ने सार्वजनिक रूप से इस विवाद पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन सरकार के प्रवक्ताओं और विदेश मंत्रालय ने ट्रंप की “dead economy” वाली टिप्पणी का विरोध किया है। अपनी ओर से मोदी ने संसद में सिर्फ इतना कहा कि भारत के पास व्यापार के और भी विकल्प हैं, और अमेरिका के साथ बातचीत जारी है।[9]
राजनीतिक मायने
कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर मतभेद एक बार फिर खुलकर सामने आ गये हैं।
राहुल गांधी सरकार की आर्थिक नीतियों पर अंतरराष्ट्रीय बयान को अपने समर्थन के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
शशि थरूर जैसे नेता ट्रंप के बयान को देश की आत्मगौरव और आर्थिक साख के खिलाफ मानते हैं।
बीजेपी राहुल गांधी की टिप्पणियों को देशद्रोही और जनता की आकांक्षाओं के खिलाफ मान रही है।
निष्कर्ष
इस विवाद से यह स्पष्ट है कि भारतीय राजनीति में अंतरराष्ट्रीय बयानों का घरेलू राजनीति में कैसे इस्तेमाल किया जाता है। कांग्रेस के एक बड़े चेहरे राहुल गांधी का ट्रंप के बयान के साथ खड़ा होना पार्टी के अंदरूनी रवैये और रणनीति पर गंभीर सवाल उठाता है, वहीं शशि थरूर का तार्किक और तथ्यात्मक विरोध पार्टी के भीतर ‘आंतरिक लोकतंत्र’ को भी चिह्नित करता है। यह एपिसोड बीजेपी के लिए भी विपक्षी नेताओं की विश्वसनीयता पर हमला करने का एक और मौका बन गया।
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